उद्धव की शिवसेना का MVA में घटा कद! 30 साल में पहली बार मिलेंगी इतनी कम सीटें

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए दोनों बड़े गठबंधनों महायुति और महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे पर मंथन तेज है। महाविकास अघाड़ी को लेकर चर्चा है कि आज ही सीट शेयरिंग का ऐलान हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना को महज 95 सीटें ही मिलने का अनुमान है। वहीं कांग्रेस को 100 से 105 सीटें मिल सकती हैं। उद्धव सेना लगातार सवा सौ सीटों पर दावेदारी कर रही थी, लेकिन कांग्रेस का कहना था कि उसका पूरे राज्य में जनाधार नहीं है। इसलिए कांग्रेस को ही ज्यादा सीटों पर लड़ने दिया जाए।

इस मसले पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत के बीच तीखी जुबानी जंग भी देखने को मिली थी। अब जिस समझौते का ऐलान होने वाला है, उसके अनुसार शिवसेना की सीटें डबल डिजिट में ही रह जाएंगी। यदि ऐसा हुआ तो शिवसेना के चुनावी इतिहास में यह सबसे कम होगा। अब तक एक भी ऐसा मौका नहीं रहा, जब शिवसेना ने 100 से कम सीटों पर चुनाव लड़ा हो। भाजपा से अलग होकर कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के साथ जाने वाले उद्धव ठाकरे पर अब भगवा खेमा निशाना साध सकता है।

भाजपा इसे मुद्दा बनाते हुए ठाकरे परिवार के सम्मान से भी जोड़ सकती है। पहले भी वह उद्धव पर बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से समझौता करने का आरोप लगाती रही है। शिवसेना को यदि 100 से कम सीटें मिलीं तो 1995 के बाद यह सबसे कमजोर आंकड़ा होगा। अमूमन सभी चुनाव में उसकी सीटों का आंकड़ा 160 के पार ही रहता था। भाजपा के साथ 2019 में उसने थोड़ा समझौता किया था और 124 सीटें पा ली थीं। अब कांग्रेस के साथ वह 100 से भी कम पर लड़ने को तैयार है। इस तरह बीते 30 सालों के इतिहास में उद्धव सेना पहली बार इतनी कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

कब कितनी सीटों पर लड़ी थी शिवसेना-

1995 में शिवसेना ने 169 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 73 पर जीत हासिल की।

1999 में 161 पर लड़कर 69 सीटें पाई थी।

2004 में शिवसेना ने 163 सीटें लड़कर 62 जीती थीं।

2009 में शिवसेना ने 160 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 45 पर विजय पाई थी।

2014 में 286 सीटें लड़कर 63 पाई थी।

2019 में शिवसेना ने 124 पर चुनाव लड़ा था और 56 पर विधायक चुने गए थे।



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