उत्तराखंड के करीब 60 नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग की मैनेजमेंट कोटे की करीब 950 सीटों पर दाखिले को लेकर विवाद हो गया है। एचएनबी मेडिकल विवि की ओर से दूसरी काउंसलिंग के बीच निजी कॉलेजों में 100 फीसदी करीब 1900 सीटों पर काउंसलिंग विवि स्तर से कराने के आदेश पर विवाद है। साथ ही छात्रों में भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। विवि स्तर से विगत 20 सितंबर को बीएससी नर्सिंग की 1392 सीटों पर दाखिलों को काउंसलिंग शुरू की गई। इनमें 438 सीटें सरकारी एवं 954 सीटें निजी कॉलेजों की है। निजी कॉलेजों की मैनेजमेंट कोटे की 954 सीटें होल्ड की गई। अब 12 अक्तूबर को दूसरी काउंसलिंग के आदेश किया गया कि आईएनसी के आदेश के मुताबिक निजी कॉलेजों की सौ फीसदी सीटें विवि स्तर से काउंसलिंग के माध्यम से भरी जाएंगी।
90 फीसदी सीटें खाली विवि स्तर निजी कॉलेजों में पहले चरण में सरकारी कोटे की 954 सीटों पर काउंसलिंग कराई। लेकिन इन पर 10 फीसदी छात्रों ने ही दाखिला लिया है। 90 फीसदी सीटें खाली हैं।
एसोसिएशन ने बताया, बेतुका आदेश, मंत्री-सचिव से मिलेंगे एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट पैरामेडिकल एंड नर्सिंग इंस्टीट्यूशन अध्यक्ष राजकुमार शर्मा, महामंत्री एडवोकेट ललित जोशी ने कहा कि भारत सरकार के गजट में कहीं नहीं लिखा कि मैनेजमेंट कोटा खत्म होगा। 16 जून 2022 में सरकार ने निजी कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटा की 50 फीसदी सीटों पर एसोसिएशन के माध्यम से प्रवेश परीक्षा, काउंसलिंग एवं दाखिलों का आदेश दिया था। साल 2022 और 2023 में भी इसी व्यवस्था से दाखिले हुए। विवि ने प्रवेश परीक्षा के समय भी निजी कॉलेजों की पचास फीसदी सीटों पर दाखिलों की बात कही। निजी कॉलेजों की एसोसिएशन ने जुलाई में प्रवेश परीक्षा, अब काउंसलिंग एवं दाखिलों की प्रक्रिया करा दी है। अब विवि का यह बेतुका आदेश है, वह निजी कॉलेजों की सरकारी कोटे की सीट तक नहीं भर पा रहे हैं। इस मामले को लेकर सचिव एवं मंत्री से मिलेंगे।
एचएनबी मेडिकल विवि के कुलसचिव प्रो. डॉ. आशीष उनियाल ने कहा, ‘प्रदेश सरकार ने बैच 2021-22 में पूर्ववत व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया था। यह नहीं कहा कि आगे भी यही व्यवस्था रहेगी। 2023- 24 में बैठकों के माध्यम से इस मामले का निस्तारण हुआ है। इस साल भी सरकार को पत्र भेजकर दिशा निर्देश मांगे गए थे, जो नहीं मिले हैं। 31 अक्तूबर तक दाखिलों की प्रक्रिया होनी है। कुलपति के आदेश पर आईएनसी के आदेशों के मुताबिक काउंसलिंग कराने का आदेश किया गया है। शासन स्तर से कोई आदेश आएगा तो उसका पालन होगा।’
नौ साल से नहीं बढ़ी फीस
एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट पैरामेडिकल एंड नर्सिंग इंस्टीट्यूशन महामंत्री ललित जोशी बोले, नौ साल से निजी कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटे की फीस नहीं बढ़ी है। कॉलेज चलाने, शिक्षकों, कर्मचारियों का वेतन देना मुश्किल हो गया है। नौ साल पहले शिक्षण शुल्क 72600 रुपये, प्रवेश शुल्क 10000 तय किया गया था।